नरसंहार में मामले के नौ आरोपियों को हुई है फांसी की सजा
चित्रकूट। केन्द्रीय कारागार नैनी से निरूद्ध एक सजायाफ्ता कैदी की उपचार के दौरान शनिवार को स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में मौत हो गई। उक्त कैदी चित्रकूट जनपद के कर्वी में बगैहा उर्फ घुरेटन गांव में हुए नरसंहार मामले की सजा काट रहा था।
चित्रकूट के कर्वी थाना क्षेत्र के बगैहा उर्फ घुरेटनपुर गांव निवासी कमलेश 60 वर्ष पुत्र स्वगीय बुआराम के तीन पुत्र और पत्नी किशोरी देवी गांव में रहती है। कमलेश 17 जुलाई 2003 को गांव में हुई छह लोगों की नरसंहार हत्या मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके साथ उक्त हत्याकांड मामले में उन्नीस लोग आरोपी बनाए गए थे। जिसमें से तेरह लोग गिरफ्तार किए गए थे। जबकि मामले के दोषी अम्बिका उर्फ ठोकिया समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है।
न्यायालय ने 26 फरवरी 2016 को कमलेश और मन्दी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि मामले में नौ लोगों को फंसी की सजा सुनाया था। इसके एक साथी कलेश उर्फ लूटा को बरी कर दिया था। उक्त कैदी को न्यायालय के आदेश पर 6 मार्च 2016 को चित्रकूट से केन्द्रीय कारागार नैनी से सम्बद्ध कर दिया गया। जिसके बाद से वह सजाकाट रहा था। उसकी नैनी जेल में 26 फरवरी 2020 की रात अचानक तबियत खराब हुई तो उसे बन्दी रक्षकों ने उपचार के लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां उसकी उपचार के दौरान 7/3/20 को मौत हो गई। सूचना पर उसके परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में शव का पंचनामा करके अन्त्य परीक्षण कराया।
चित्रकूट के कर्वी थाना क्षेत्र के बगैहा घुरेटनपुर गांव में 17 जुलाई 2003 में हुए नरसंहार मामले में राममिलन, हीरामन, महेश्वरी, कल्लू, बद्री, रामानन्द, भूरा, हीरालाल, सुभाष को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। जिनका मामला अबतक न्यायालय में लम्बित है।