मुख्यमंत्री जी खनन माफियाओं,पुलिस और अधिकारियों की मिलीभगत से भारत माता की छाती पर हो रहा प्रहार

जानकारी होने पर भी मौके पर नहीं पहुँचते जिम्मेदार



डी0पी0श्रीवास्तव


बहराइच। सूबे की सरकार बदलते ही जहां अपराध व भ्रष्टाचार का संज्ञान लेते हुवे भू-माफियाओं पर भी जबरदस्त शिकंजा कसते हुए प्रदेश सरकार द्वारा अवैध खनन पर रोक लगा दी गई थी, वहीँ समय के करवट लेते ही समय-समय पर न  सिर्फ सूबे के कई जनपदों से खनन की खबरें आती रही हैं बल्कि इस जनपद में भी खनन माफियाओं द्वारा सभी सरकारी तंत्रों को ध्वस्त कर अवैध खनन कर अपनी दबंगई का खुलेआम नंगा नाच नाचा जा रहा है।


हम बात कर रहे हैं थाना देहात कोतवाली अंतर्गत नगर पंचायत क्षेत्र की जहां 1-2 वर्षों से नहीं बल्कि 10- 12 वर्षों या इससे अधिक समय से लगातार भू-माफियाओं द्वारा अवैध खनन को अंजाम दिए जाने के बाद भी संबंधित कोतवाली, सी0 ओ0 सिटी, एसडीएम सदर व हलका इंचार्ज सहित तमाम छोटे बड़े अधिकारी ऐसे चुप नजर आते हैं मानो अपराध के लंबे हाथों ने इनके उत्साह और इमानदारी का ही हरण कर लिया हो।


आपको बताते चलें कि जब हमारे जिला प्रभारी को गोपनीय सूत्रों द्वारा बताया गया कि थाना देहात कोतवाली अंतर्गत नगर पंचायत क्षेत्र में धरती की छाती को खनन माफियाओं द्वारा न  सिर्फ 20-22 फिट से अधिक खोद डाला गया है बल्कि इस समय भी मौके पर भू- माफियाओं द्वारा अपने रसूख के बल पर अवैध खनन का कार्य करवाया जा रहा है। जिनके खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई करना उचित नहीं समझती।हालांकि हम आपको यह भी बता दें कि पूर्व में भी एक पत्रकार द्वारा अवैध खनन मामले में मौके पर पहुंचकर वीडियो बनाकर खनन मामलों को उजागर करने की कोशिश की गई  तो उसे खनन माफियाओं द्वारा मारपीट कर उसकी हड्डियां तोड़ दी गई थी।और मामला बढ़ने पर पत्रकार पर ही दबाव बनाया जाने लगा था। बावजूद एक बार फिर एक पत्रकार द्वारा ही अदम्य साहस का परिचय देते हुए जब मौके पर पहुंचकर जमीनी स्तर पर सच्चाई को देखने का प्रयास किया गया तो सूत्रों द्वारा बताई गई बात बिल्कुल सही पाई गई।और जब पत्रकार द्वारा बगैर पल गवाएं सी0ओ0 सिटी को फोन कर जानकारी देते हुए तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं दूसरे कामों में व्यस्त हूं मैं थाना देहात कोतवाल को भेज रहा हूँ।थाना देहात कोतवाल तो मौके पर नहीं पहुंचे लेकिन 20-25 मिनट बाद एसडीएम सदर द्वारा फोन कर मामले की जानकारी जरूर ली गई।जबकि लगभग 45 मिनट बाद हल्का इंचार्ज द्वारा भी फोन कर घटना स्थल की जानकारी ली गई लेकिन सारे साक्ष्यों की मौजूदगी व पत्रकार द्वारा अपनी जान जोखिम में डालने के बावजूद जिम्मेदारों द्वारा किए जा रहे समय गंवाने के खेल में लगभग 1 घंटे तक एक भी जिम्मेदार मौके तक नहीं पहुंचा। बाद में जब स्वयं पत्रकार द्वारा आसपास के लोगों से मामले में जानकारी करने की कोशिश की गई तो वहीँ निवास करने वाले लोगों द्वारा कहा गया कि भैया यहाँ हो रहे खनन का काम लगभग 10-12 वर्षों से अधिक समय से खुलेआम चल रहा है।शिकायत करने के बाद भी न तो कोई अधिकारी मौके पर आता है और न ही कोई पुलिस ही आती है।ग्राम वासियों ने बताया कि वर्षों से करवाए जा रहे खनन में अधिकारी ,पुलिस सब मिले हुए हैं। सबको हर महीने निश्चित रकम पहुंचाई जा रही है।उन्होंने बताया कि जो भी लोग इसे रुकवाने व शिकायत करने की कोशिश करते हैं तो इसकी जानकारी होते ही खनन माफियाओं द्वारा उन्हें जानमाल की धमकी दी जाती है।हालांकि ग्राम वासियों की बातों को इस बात से भी बल मिल रहा है कि स्वयं एक पत्रकार द्वारा सी0ओ0सिटी को फोन करने के बाद भी मामले में सन्नाटा होने तक किसी भी जिम्मेदार का न पहुंचना।जबकि मौके पर ही प्रतीत हो रहा था कि उक्त क्षेत्र को तालाब या नदी नहीं बल्कि जिम्मेदारों के संरक्षण में ही पूरे क्षेत्र को समंदर बनाने का प्रयास हो रहा हो।


मामले में एक बार फिर जब सूत्रों से जानकारी ली गई तो बताया गया कि मौके पर हो रहे खदान के काफी समय बाद मजिस्ट्रेट व पुलिस की गाड़ियों में एसडीएम,कोतवाल,हल्का इंचार्ज,लेखपाल सहित कई पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे जरूर थे।लेकिन इनके द्वारा मौके पर हुवे अवैध खनन को न देखकर पूर्व में उत्तर दिशा में हुवे खनन को देखकर एक बार फिर न सिर्फ खनन माफियाओं को बचाने की कोशिश की गई बल्कि बड़े अधिकारियों सहित सूबे के मुखिया को भी गुमराह करने का षड्यंत्र रचा गया।


अब यहां एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि नवागन्तुक पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र को बलात्कार,क़त्ल व  अपराध की घटनाओं से सलामी देने वाले इस जनपद में उनके द्वारा एक के बाद एक किये गए खुलासे के बाद क्या उक्त मामले में भी अपने ही महकमे के गैर जिम्मेदार पुलिस कर्मियों की गैर जिम्मेदाराना हरकतों का भी संज्ञान लिया जाएगा।