लखनऊ। होली और 15 मार्च को प्रस्तावित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यक्रम ध्यान में रखते हुए जनपद से लगने वाली चार राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीमा को जोड़ने वाले मार्गों पर रविवार से ही फोर्स की तैनाती कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में गत माह बलरामपुर क्षेत्र में नक्सली वारदात के चलते सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए है। इस सीमा पर 15 मार्च तक कांबिग व तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।
वर्ष 2001 में जिले से सटे मीरजापुर जनपद के अहरौरा थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में होली के दिन नक्सलियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे। इस घटना के मद्देनजर अधिकारियों ने फोर्स को अतिरिक्त सतर्कता कर दी है। बिहार व झारखंड से लगने वाले जनपद की सीमा में स्थित थाना व चौकियों को अलर्ट करते हुए इन थानों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। सीआरपीएफ व पीएसी के जवानों को कांबिंग में लगाया गया है। खुफिया एंजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है और पल-पल की खबर लेने का निर्देश दिया गया है। इन राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ले रहे हैं। एसपी ने बताया कि चारों राज्यों से लगने वाली सीमाओं को सील नहीं किया जाएगा, बल्कि हाई अलर्ट किया गया है।
चारों राज्यों को जोड़ने वाले जिले के प्रमुख मार्गों पर फोर्स की तैनाती की गई है। उन्हें तलाशी लेकर ही लोगों को आने व जाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सीमावर्ती जंगलों, पहाड़ों व ग्रामों में भी कां¨बग की जा रही है। बिहार से लगने वाली जनपद की सीमा पोखरिया, बसुहारी, मड़पा, चकरिया, रानीडीह समेत अन्य जंगलों में पुलिस की कांबिंग हो रही है। बता दें कि जिले से सटे झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक अभी भी जारी है। पड़ोसी राज्यों में केंद्रीय पुलिस बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में नक्सली बचने के लिए सीमावर्ती इलाकों में पनाह ले सकते हैं। जिसकी वजह से हाई अलर्ट किया गया है।