स्वच्छता मैली ही रहेगी इंदौर कोरोना वायरस संक्रमण जवाब कौन देगा, कीमत कौन इलाके में गश्त कर रहे है कि एक मस्जिद से लोगों को नागरिकता का हॉटस्पॉट बन चुका है। शनिवार चुकाएगा? इंदौर में रानीपुरा पुलिसकर्मियों पर मंगलवार को भडकाया गया और इसके बाद (शाम तक 115 मामले सामने आ से टाटपट्टी बाखल तक, जो कुछ लोगों ने पत्थर फेंके। यह वह भीड़ के निशाने पर आ गई। इतनी चुके हैं। जबकि पूरे मध्य प्रदेश देखा, सुना और कहा गया, वही इलाका है, जहां इस तरह का आंकड़ा 178 पर पहुंच गया वह इंदौर के इतिहास में एक की घटना होना अब नई बात रांची (झारखंड) में मलेशिया की है। अब इसमें भी कोई संदेह नहीं ऐसे दौर के रूप में दर्ज हो नहीं है। रायपर (छत्तीसगढ) में एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई शासकीय होना चाहिए कि इंदौर कोरोना गया, जहां दर्द की कोई दवा नगर निगम के कर्मचारी गई है। स्वास्थ्यकर्मियों की टीम संक्रमण के तीसरे चरण यानी ही नहीं है! देश के सबसे स्वच्छ लॉक डाउन के दौरान जांच करने पहुंची तो लोगों ने चंदन कम्यूनिटी (सामुदायिक) संक्रमण शहर में फैली इस गंदगी से न सैनिटाइजेशन का काम कर रहे विरोध किया। बेलगाम भीड ने की तरफ बढ़ रहा हैभय और केवल इंसानियत शर्मसार हुई, थे। लेकिन, कुछ लोगों ने पहले टीम को वहां से भगा दिया। फिर विवाद के बीच कई सवाल उठ बल्कि इस कलंक-कथा ने अशोभनीय टिप्पणियां की और ___ से लौटते हैं इंदौर पर। और, दो रहे हैं, सभी का स्वर एक है- सेवा, साहस और समर्पण की फिर बदसलूकी शुरू कर दी। ऐसा क्यों हुआ? तर्क दिया जा परिभाषा भी बदल दी है। सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के न घटनाओं से यह समझने की रहा है कि जो सख्ती पिछले कछ देश-दनिया में कछ सिरफिरों जमालपर गांव में मस्जिद के कोशिश करते हैं कि मन और दिनों में दिखाई गई, यदि वह की बदनीयती की वजह से बाहर इकट्टा लोगों से पुलिस ने मानसिकता में ऐसा क्या है जो पात्र एक सप्ताह पहले व्यवहार में आ बदनाम हो चुके इंदौर पर हम सुरक्षित शारीरिक दूरी (सोशल मजबूती से किसी मकसद को विरोध गई होती, तो स्थिति इतनी नहीं और भी बात करेंगे, लेकिन डिस्टेंसिंग) की बात कही तो भीड़ पाना चाहता है? पहली-फरवरी बिगड़ती! प्रशासन का फोकस पहले कुछ ऐसे उदाहरण, जो मारपीट करने लगीमुजफ्फरपुर पसरपुर के पहले सप्ताह में राशन के एयरपोर्ट पर था। जबकि, ट्रेन मानवता की स्थापित मान्यता (बिहार) में 11 साल की बच्ची और बसों से लोग शहर में आते ही बदल चुके हैं! निजामुद्दीन की संदिग्ध मौत हो गई। पुलिस लिए सर्वे को, राष्ट्रीय नागरिकता कार्यकर्ताजा रहे थे। रेलवे स्टेशन, बस (नई दिल्ली) स्थित तब्लीगी और स्वास्थ्य विभाग की टीम रजिस्टर (एनआरसी) सर्वे समझ स्टैंड पर स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था मरकज की इमारत से बाहर लोगों की जांच करने पहुंची, तो बैठे कुछ लोगों ने हंगामा खड़ा वायरस नहीं थी। सरकार बदली, तो अधि निकलते जमातियों ने पूरी भीड़ ने हमला कर दिया। समझाने कर दिया। सर्वे करने वाले दलों लिए कारी बदल दिए गए। बहुत इमारत में जगह-जगह थूका। का प्रयास किया तो पथराव हो को सुरक्षा देने के लिए जिला स्वाभाविक था-तरीका और तेवर पुलिस और डॉक्टरों से गया। प्रशासन और पुलिस ने हस्तक्षेप भी बदल गया। लेकिन, इस दौरान बदसलूकी की। उपचार में बेगल रु में कोरोना की किया। खाद्य व नागरिक आपूर्ति जो समय निकल गया, जो जुटीं महिला स्वास्थ्यकर्मियों से जानकारी लेने गई आशा कार्यकर्ता गलतियां हो गई, जो अव्यवस्थाएं भी आपत्तिजनक व्यवहार किया। विभाग को भी स्पष्टीकरण जारी पर हमला बोल दिया गया। आरोप दूर नहीं की जा सकीं, अब उसका जयपुर (राजस्थान) के रामगंज करना पड़ा। दरअसल, इंदौर में दौरान
मजहबी मंसूबे खरोंचे नहीं जाएंगे, तो इंदौर की स्वच्छता मैली ही रहेगी