प्रदेश के किन्नर समाज आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

 प्रदेश के किन्नर समाज आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित -- राज्य स्तर पर एक संस्था के द्वारा कराए गए सर्वेक्षण  से सामने आए तथ्य ।प्रयागराज 14 जनवरी 2021 किन्नरों का नाम आते ही हमारे मन में अनेकों तरह की बातें घूमने लगती है और उनके बारे में जानने की जिज्ञासा बढ़ जाती है उत्तर प्रदेश के स्तर पर अभी तक ऐसी कोई सर्वे रिपोर्ट नहीं थी या कोई किताब प्रकाशित नहीं हुई थी जिससे किन्नरों के स्थिति परिस्थिति  की जानकारी उपलब्ध हो सके लेकिन प्रयागराज के रहने वाले समाजसेवी श्री नाजिम अंसारी जो एक सामाजिक संगठन से जुड़े हैं उनके प्रयास और उनके नेतृत्व में प्रदेश के किन्नरों की संख्या तथा राज्य  के 20 जनपदों में किन्नरों की आर्थिक स्थिति जातिगत शैक्षिक स्थिति सरकारी दस्तावेज सहित 12 बिंदुओं पर सर्वेक्षण कराया गया इस सर्वेक्षण कराने में अबुल कलाम आजाद जन सेवा संस्थान को इंडो ग्लोबल  सोशल सर्विस  सोसायटी ने  किन्नरों की स्थिति एवं परिस्थिति  पर रिपोर्ट लिखने  मे सहयोग किया  सोशल एक्टिविस्ट नाजिम अंसारी के अनुसार 74 % किन्नर हिंदू धर्म से जुड़े हैं 3% किन्नर हाईस्कूल 2% इंटर 2%  स्नातक एवं 1% परास्नातक हैं और 28% 1 से 9 तक की शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं किन्नरों की के पास निम्नलिखित दस्तावेज हैं सर्वेक्षण में किन्नरों के पास 24% राशन कार्ड 85% के पास आधार कार्ड  तथा 20% किन्नरों के पास बैंक खाता है वही किराए के मकान में 71% किन्नर रहते हैं मात्र 6% किन्नरों के पास अपना मकान है 3% प्रतिशत किन्नर ग्रुप में रहते हैं और 20% किन्नार भ्रमण  करते हैं   किन्नरों की मासिक आय सर्वेक्षण में पाया गया कि 42% किन्नरों की मासिक आय 4000 से 5000 के बीच में है 36% किन्नरों की आय 7000 से 10000 तक है आम आदमियों द्वारा 68 %  किन्नरों को परेशान किया गया तथा 64%  किन्नरों को पुलिस के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा सर्वेक्षण में  ये भी निकल कर आया कि 57% किन्नरों को बुरे नाम यानी छक्का हिजड़ा मेहरा नपुंसक मामू के नाम से बुला कर अपमानित किया जाता है 40% किन्नरों ने 07 वर्ष 10 वर्ष की उम्र में घर छोड़ा परिवार छोड़ने का कारण परिवारिक ताना सामाजिक रूप से छिटाकशी बार-बार अपमानित करना था  85% किन्नर नाचने गाने तथा  02% वेश्यावृत्ति एवं 02% निजी कार्य  एवम् व्यवसाय के कार्य में लगे हैं 14% किन्नर भिक्षावृत्ति का कार्य करते हैं  जबकि 90% किन्नर  एच० आई०वी० से ग्रसित हैं  तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित है आज भी उत्तर प्रदेश के किन्नर मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं आज भी समाज में किन्नरों को वह सम्मान नहीं मिला जिसके लिए यह लगातार संघर्ष कर रहे हैं अभी भी सामाजिक रूप से समाज को जागरूक करने की बहुत ही आवश्यकता है इस काम में डोनर एजेंसियां की अहम भूमिका हो सकती है किन्नरों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन हो इसके लिए भी राज सरकार से पैरवी करने की जरूरत है जिससे इनको सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जनप्रतिनिधि एवं सिविल सोसायटी को आगे आना होगा धन्यवाद  नाजिम अंसारी

                                                                                                                                            Jan Tapis Team