पं0 रामकृष्ण का यूं चले जाना


भारतीय संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति -डॉ रमा मॉन्ट्रोज

सुधीर सिन्हा 

ब्यूरो चीफ प्रयागराज 

प्रयागराज।भारतीय संगीत के क्षेत्र में प्रयागराज को एक अपूरणीय क्षति हुई है जी हां हम बात कर रहे हैं आकाशवाणी महानिदेशालय, भारत  सरकार, नई दिल्ली द्वारा कलेरोनेट वादन  के रूप में पूरे हिंदुस्तान   के एकमात्र टापग्रेड कलाकार के रूप में  विख्यात और सम्मानित पंडित रामकृष्ण  की

जिन्होंने  दुर्गा र्अष्टमी के अति पावन दिवस पर गोकुल धाम के लिए अपनी अंतिम यात्रा की।

उनके निधन  की सूचना मिलते ही समूची प्रयागनगरी  जहां स्तब्ध हो गई वहीं संगीत प्रेमियों में शोक की लहर व्याप्त हो गई। उनके निधन के बाद कोविड़ संक्रमण को देखते हुवे संगीत की मर्मज्ञ डॉक्टर रमा मोन्ट्रोज ने ओं लाइन शोक सभा का आयोजन किया जिसमें शहर के कई गणमान्य लोगों ने शिरकत किया।अपने अनुभव को शेयर करते हुवे डॉ रमा मोन्ट्रोज ने कहा कि पंडित राम कृष्ण जी अत्यंत मिलनसार व्यक्ति के साथ ही मृदुभाषी और व्यवहार कुशल व्यक्ति के साथ ही पंडित भोला नाथ प्रसन्ना जी के प्रिय शिष्यों में से एक थे । यही नही संगीत के क्षेत्र में इन्हें देश के अनेको शहरों में कई  उपाधियों और सम्मानो  के अलावा विगत वर्ष 2019 में  उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इन्होंने अपने विचारों को सांझा करते हुवे बताया कि बात चाहे प्रयागरा आकाशवाणी के नियमित कार्यक्रमों  की हो या  आकाशवाणी संगीत सम्मेलन के साथ ही ताज महोत्सव, पं0भोला नाथ प्रसन्ना संगीत समारोह के अलावा सुबह बनारस, संगीत बैठक आदि की पंडित राम कृष्ण जी जब कलेरोनेट वादन करते थे तो  संगति का असीम आनंद का  उपस्थित जनसमुदाय हर्षित होकर जमकर लुत्फ उठाता था 

       उनका यू हम सब को छोड़कर चले जाना अपूरणीय क्षति तो है जिसकी भरपाई मुश्किल है।    ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें वैकुंठ धाम मे अपने श्री चरणों मे स्थान  प्रदान कर मृतात्मा को शांति प्रदान करें।  

इस अवसर पर वरिष्ठ नाट्य निर्देशक व संगीत प्रेमी सुरेंद्र सिंह ने शोक व्यक्त करते हुवे कहा कि  नियत समय मे जिसे जब जाना है  वो तब  चला जायेगा ।सभी को एकदिन इस नस्वर संसार से नियत तिथि में बिदा होना ही है।भाग्य का लिखा कोई टाल नहि सकता ये शास्वत सत्य है इसे हम सभी को स्वीकारना होगा।वहीं वरिष्ठ रंगकर्मी  व संगीत प्रेमी सुधीर सिंन्हा ने शोक व्यक्त करते हुवे कहा कि इस संसार से  एक दिन जाना सब को है 

 कोई भी इस दुनिया में हमेशा के लिए  रहने नहीं आया है। हाँ   कोरोना के इस संक्रमित काल मे जहां लोग असमय काल के घ्याल में समाते  जा रहे हैं वो निश्चित रूप से चिंता जनक जरूर है।  मगर एक महान संगीत कार का इस दुनिया से चले जाना सचमुच हृदय विदारक है ।हमउन्हें सच्ची श्रधांजलि अर्पित करते हैं। शहर के नाट्य निर्देशक धीरेन्द नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि पंडित रामकृष्ण जी का अचानक चले जाना सचमुच बहुत दुखद और अप्रत्याशित है, वो न केवल विश्वविख्यात क्लेरिनेट वादक व संगीतज्ञ थे बल्कि संगीत के क्षेत्र में अपने कर्तव्यों को भी भली भांति निभाना जानते थे। शिवम दृवेदी 

ने भी दुःख व्यक्त करते हुवे उन्हें नमन किया तो शैंम ने उन्हें श्रधांजलि अर्पित करते हुवे कहा की कोरोना काल के इस दौर में  प्रभु ज्ञान और संगीत के क्षेत्र की रक्षा करे।इस दौरान ऑन लाइन  शोक सभा मे कई अन्य संगीत प्रेमियों ने शोक संवेदना व्यक्त किया।