न्यायमूर्ति वी के नारायणन ने किया पोस्टर को लांच
-पूरी टीम को दी बधाई
सुधीर सिन्हा की नयी फिल्म "चाहत"
प्रयागराज। साईं नाथ इंटरनेशनल के बैनर तले प्रयागराज के विभिन्न लोकेशनो में शूट की गई हिंदी फ़ीचर फ़िल्म " चाहत" के फस्ट लुक पोस्टर की विधिवत लांचिंग की गई।पोस्टर को लांच करते हुवे न्यायमूर्ती श्री बी के नारायण ने पूरी टीम को इसके लिए बधाई दी l उन्होंने कहा कि यहां पर फ़िल्म की शूटिंग के लिए कई खूबसूरत लोकेशन्स के साथ ही बहुत अच्छे अच्छे कलाकार भी हैं जिन्हें वाकई मौका दिया जाना चाहिए।लोकल कलाकारों को वरीयता देकर निर्मित की गई फ़िल्म "चाहत" के लिए निर्देशक सुधीर सिन्हा के साथ फ़िल्म की पूरी टीम को इन्होंने विशेष रूप से बधाई देते हुवे कहा कि बच्चियों के बिना समाज की कल्पना नही की जा सकती है, सरकार का भी थी नारा है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ लेकिन इसके साथ ही इस फ़िल्म में बेटी को अपनाओ का भी सुखद सन्देश दिया गया है जिससे समाज निश्चित जागरूक होगा।फ़िल्म के पोस्टर रिलीज़ के मौके पर फ़िल्म के निर्देशक सुधीर सिन्हा ,प्रड्यूसर अनिल श्रीवास्तव और मुख्य कलाकार बाजीराव बब्बन यादव और सपना सिंह मौजूद रहे।इसकी कहानी के बारे में जानकारी देते हुवे शहर के वरिष्ठ पत्रकार,टीवी एंकर व रंग मंच के अभिनेता के साथ ही फ़िल्म के निर्देशक सुधीर सिंन्हा ने बताया कि फ़िल्म 'चाहत' समाज को सुंदर सन्देश देने वाली फ़िल्म है जिसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है। इन्होंने कहा कि चाहत एकऐसे परिवार की फ़िल्म है जिसकी मुखिया कुसुम( प्रतिमा श्रीवास्तव) को अपनी बहू से वंश को आगे बढ़ाने के लिए पोते की दरकार रहती है वहीं जब दुर्भाग्यवश जब वो पोते का मुंह नही देख पाती है तब बुरा भला कहकर कोसने लगती है अपनी बहू को, यही नही कुसुम की जिद से एक दिन ऐसा भी आ जाता है जब बहु( सपना सिंह) व बेटे( बाजी राव बब्बन यादव)के बीच तलाक की नॉबत ला देती है। कुसुम का पति अशोक( अनिल श्रीवास्तव) उसे घर को बर्बाद न करने की सलाह देते है मगर जिद्दी कुसुम किसी की नही मानती है।इसी बीच एक जोगी बाबा( सुधीर सिन्हा) का कुसुम के घर आगमन होता है ।सारी हकीकत जानने के बाद ,वो भी कुसुम को ऐसा करने से मना करके किसी अनाथ आश्रम से किसी बच्चे को गोद लेने की सलाह देते है ।मगर घर को तबाह करने पर तुली कुसुम जोगी बाबा की बात को अनसुना करके बाबा की बेज्जती करते हुवे घर से भगा देती है जाते जाते जोगी बाबा उसे हिदायत देते है कि तेरी बहु तेरे घर की लक्ष्मी है और भूलकर भी तू कोई ऐसी गलती न करना जिससे पूरा घर बर्बाद हो जाये ,साथ ही जोगी बाबा ये भी कहकर चले जाते है कि तू अपने कार्य मे कभी भी सफल नही हो पाएगी।मगर जिद्दी कुसुम पर जोगी बाबा की किसी भी बात का कोई असर नही होता और वो वकील को बुलाकर तलाक के पेपर तैयार कर कर समय से जब कोर्ट के लिए निकलती है तो उसे फिर से रास्ते मे जोगी बाबा दिखाई दे जाते है तो ये अपनी गाड़ी को रोककर उनका उपहास उड़ाते हुवे याद दिलाती है कि देखो उस दिन आपने कहा था कि मैं अपने कार्य मे सफल नही हो पाऊंगी आज मेरे लिए खुशी का दिन है और मैं अपने बच्चों को लेकर कोर्ट में तलाक दिलवाने के लिए जा रही हूं ये सुनकर जोगीबाबा भी मुस्कुराते हुवे उसके दिमाग पर असर डालने के लिए कहते है कि सोच ले तलाक के बाद तू अपने बेटे की दूसरी शादी कराएगी सोच अगर दूसरी शादी के बाद तेरी बहु बांझ निकली तो क्या तू उसका भी तलाक कराएगी । बाबा फिर से उसे अनाथ बच्चे को गोद लेने की सलाह देते हुवे भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कहानी सुनाते हुवे जब यशोदा मइया का उदाहरण देते हुवे उसे गलत मार्ग पर न चलने की सलाह देते है तब जाकर कुसुम के दिमाग पर बाबा की बातों का असर होता है और वो अपनी बहू और बेटे के साथ पति से क्षमा मांगती है और बच्चो का तलाक न कराकर वो अनाथ आश्रम में जाकर बच्चे की जगह बच्ची को गोद लेकर उसे अपनी बहू के गोद मे डालते हुवे वही पर उसका नामकरण करते हुवे बच्ची का नाम "चाहत"रख देती है।और फिर कुसुम के इस निर्णय से पूरा परिवार बिखरने से बच जाता है।
सुधीर सिन्हा ने जानकारी देते हुवे बताया कि इस पारिवारिक फ़िल्म में एक टाइटिल सांग व एक लव सांग ही रखा है जिसे जे पी सिंह ने लिखे है और दृष्टि श्रीवास्तव व जय प्रकाश सिंह ने सधे स्वरों से सजाया है वही संगीत रतन बाबा का है।अन्य कलाकारों में स्थानीय कलाकारों को ही वरीयता दी गई है जिसमे से अधिकांश रंगमंच के कलाकार है।डीओपी अमन जेनरेक्स और संजीव की है। साईं नाथ इंटरनेशनल के बैनर तले लिर्मितफ़िल्म चाहत के प्रड्यूसर अनिल श्रीवास्तव, एक्जक्यूटिव प्रड्यूसर सन्तोष यादव हैं कहानी का आइडिया बाजी राव बब्बन यादव का है, जबकि पटकथा और संवाद के साथ निर्देशन सुधीर सिन्हा का है।
Team Jan Tapish