मृतक जसरा स्थित स्वास्थ केंद्र में फार्मेसिस्ट के पद पर था तैनात
कोविड़ मरीज से शासन से तय दर से अधिक धनराशि वसूलने पर अस्पताल के ख़िलाफ़ मुकदमा हुवा दर्ज।
सुधीर सिन्हा
ब्यूरो चीफ प्रयागराज
प्रयागराज : सरकार लाख दावे करे मगर प्राइवेटअस्पताल में मरीजो को लूटने का जो गोरख धंदा चल रहा है उस पर अगर लगाम कस दी जाय तो काफी हद तक कोविड़ पेसेंटो व उनके तीमारदारों को राहत मिल सकती है।मगर नही कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती कर लाखो रुपयों को वसूलने के निजी अस्पतालों में खेल बदस्तूर जारी है ऐसा ही खेल का जब खुलासा हुवा तो लोगो ने दांतो तले उंगलियां दबा ली ।शनिवार की रात को ऐसा ही एक वीडियो जब शोशल मीडिया पर वायरल हुवा इसे जिसने भी देखा उसका दिल दहल गया।शहर के ओझा अस्पताल में भर्ती कोरोना पेशेंट पानी के लिए बेड पर तड़प रहा था,वो बार बार पीने के लिए पानी की गुहार लगता रहबो लगातार कहता रहा कि मुझे पानी पिला दीजिये नही तो मेरी जान निकल जायेगी आधे घण्टे तक वो बेड पर तड़प रहा था मगर कोविड़ वार्ड में उसे एक बूंद पानी किसी ने पिलाना उचित नही समझा लिहाजा वो कोविड़ पेशेंट ने पानी की आस में दम तोड़ दिया।मिली जानकारी के मुताबिक दारागंज निवासी लवकुश जसरा के स्वास्थ केंद्र में खुद फार्मेसिस्ट के पद पर कार्यरत थे।परिजनों की मानी जाय तो पिछले महीने वो कोरोना की चपेट में आ गए थे जांच में रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद उनके बेटे सचिन ने बेहतर इलाज के लिए अपने पिता को टैगोर टाउन के ओझा अस्पताल में भर्ती करा दिया ।सचिन का कहना है कि भर्ती कराने से पहले ही अस्पताल ने उनसे डेढ लाख रुपये जमा करा लिए।आक्सीजन के सहारे लवकुश का इलाज किया जाने लगा, इसी बीच उनके पिता की तबियत बिगड़ने लगी तो डॉक्टरों ने रेमेडिसिवर इंजेक्शन लाने को कहा ।इसी बीच उन्हें प्यास लगी उनका गला सूखने लगा।विओ प्यास के मारे तड़प रहे थे,पानी पानी चिल्ला रहे थे परंतु अस्पताल में उन्हें एक बूंद पानी किसी ने नही पिलाया जिसके चलते लवकुश की सांसे थम गईं।मरने से पहले उन्होंने अपना वीडियो बनाकर घर वालो को भेजा था मृतक के परिजनों ने इस निजी अस्पताल के संचालक के खिलाफ ठोस कार्यवाही की मांग की है। अभी ओझा अस्पताल में मानवता को शर्मशार करने वाला ये मामला शांत नही हुवा की एक और मामले ने अस्पताल प्रशासन की किरकिरी कर दी जिसके चलते ओझा अस्पताल के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया।ये मॉनल था कोविड़ पेशेंट से शासन द्वारा निर्धारित तय दर से अधिक वसूली करने का ।पीड़ित ने जब इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की तब मामले का खुलासा हो सका।दरअसल चांदपुर सलोरी के एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि उसके परिवार की एक महिला को कोरोना संक्रमित होने पर ओझा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर पीड़ित को 3 लाख 77 हजार 2सौ 26 रूपये का लंबा चौड़ा बिल पकड़ा दिया।व्यक्ति ने बिल देखा तो दंग रह गया उसने जिलाधिकारी से बिल में छूट दिलाने के लिए गुहार लगाई।वही जिलाधिकारी ने इस मामले को तुरन्त संज्ञान में लेकर नगर मजिस्ट्रेट से जांच करने को कहा।नगर मजिस्ट्रेट ने जब जांच की तो पता चला कि अस्पताल ने शाशन की ओर से तय की गई दर से अधिक वसूली के अलावा दवा के साथ ही चिकित्सक विजिट का चार्ज भी अतरिक्त वसूला।यही नही एक ही दिन में एक ही जांच को दो बार कराके अतरिक्त धन की वसूली की गई थी।जांच रिपोर्ट के सामने असते ही सीएमओ ने ओझा अस्पताल के संचालक डॉक्टर एल एस ओझा के ख़िलाफ़ तुरन्त जॉर्ज टाउन थाने में मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र भेज दिया वहीं देर रात डॉ एलएस ओझा के ख़िलाफ़ गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया।