🍫🌹ऐ शाम कुछ तो बहक🌹🍫
ऐ शाम कुछ तो बहक ,
कुछ महदोशी संदल की तरह
महक ...........
हूँ मैं रूठ जाऊँगी,
हाथ ना आऊँगी,
बादलों पर बैठकर,
कुछ गजल गुनगुनाऊँगीं
बस हो जाऊँगी मगन
🌹🍫🌹🍫🌹🍫🌹🍫
ऐ शाम .. .
अटरियाँ पर बैठा चंदा
बेहद मगरूर है बंदा
ना बात करना
ना चीत करना
बस धीमी सी
मुस्कारहट से सताता हैं
बंदा.........
🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚
ऐ शाम... ....
चलो उसे मना लेगें
गले से भी लगा लेगें
हाँ हाँ नहीं मानोगे ना
कस के डाँट लगाये हम,
💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼
ऐ शाम........
जाओ जाओ जाते है दूर
पर है ना तेरे आँखों में नूर
बिजली बादल बन जाऊँगी
सुनो ना जब कहोगें बरस
जाऊँगीं...........
🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️
ऐ शाम.....
खूब मीठी मीठी सी बरसात होगी
खूब जी भर कर भीगेगें
बन जाऊँगी एक महकी सी नज़्म
ऐ शाम....
☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️
😇नंदिता एकांकी😇
🥦प्रयागराज 🥦