सुधीर सिन्हा
ब्यूरो चीफ़ प्रयागराज
प्रयागराज।माध्यम रंग मंडल द्वारा वर्चुअल राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें रंगकर्मियों ने "कोरोनकाल में रंगमंच के समक्ष चुनौतियां और संभावनाएं" विषय पर अपने विचार साझा किए । इस दौरान वरिष्ठ निर्देशक डॉ अशोक कुमार शुक्ल ने कहा आज का दौर कठिन है किंतु इन्हीं चुनौतियों के बीच से ही संभावनाओं के रास्ते निकलेंगे । कोरोना काल के इस कठिन दौर में अचानक बंद पड़ गए रंगकर्म की उखाड़ती सांसों को रचनात्मकता की ऑक्सीजन देना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए रंगकर्मियों को सीमित संसाधनों और कोरोना काल की चुनौतियों को संज्ञान में लेते हुए रंगकर्म की लौ को सतत जलाए रखना होगा और कलाकारों को अपने को संतुलित रखते हुवे कुछ अद्भुत और शानदार करना होगा । आज वर्चुअल प्रस्तुतियों को भी आगे आने की ज़रूरत है और सबसे महत्वपूर्ण है आपस में रंगकर्मियों के रंगविमर्श की, अपने अनुभवों और विचारों को साझा करने और एक दूसरे की हरसंभव मदद को तत्पर रहने की । हमें हौसला और अपने आप में विश्वास बनाये रखना होगा, यह कठिन वक़्त भी गुज़र जाएगा और हम सब फिर से एक बार नई ऊर्जा,नए संकल्पों और नए विज़न के साथ मंच पर होंगे ।
वरिष्ठ रंगकर्मी सुधीर सिन्हा ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में रंगमंच के समक्ष चुनौतीयां उत्पन्न हुई हैं मगर इसका मतलब ये बिल्कुल नही निकाला जा सकता है कि आने वाला कल बेहतर नही होगा । हम आज कोरोना काल मे जरूर प्रभावित हुए हैं पर विराट रंगमंच से विलग होकर भी हिम्मत नही हारे हैं । सभी परीक्षा के कठिन दौर से गुज़र रहे है और इसमें भी निश्चित हम विजयी होकर दुगने उत्साह के साथ एक बार फिर से अपने दर्शकों के सम्मुख जरुर उपस्थित होंगे । वहीं
अभिनेत्री व आकाशवाणी की कॉम्पियर प्रतिभा नागपाल ने कहा कि जीवन एक रंगमंच ही है । हम तमाम ज़िंदगी अपनी अदाकारी के रंग बिखेरते हैं जीवन के इस वास्तविक रंगमंच पर । भले ही परिस्थितियां अभी अनुकूल ना हो पर ये हमें बेहतर से बेहतरीन बना रही हैं । चुनौतियां किसी भी विधा के विकास में आड़े नहीं आती बल्कि व्यक्ति दोगुने उत्साह के साथ, नए विश्वास के साथ उतरता है । ये वक़्त भी निकल जाएगा इस मुश्किल वक़्त मे ख़ुद पर काम करते रहना अपने आप को तराशते रहना सही विकल्प है । इस दौरान अपने विचारों को सांझा करते हुवे युवा रंगकर्मी चंकी बच्चन ने कहा कि कोरोनाकाल मे जहॉ सारा देश इस आपदा को झेल रहा है वहीं रंगमंच भी प्रभावित हो रहा है । ऐसी स्थिति में रंगमंच से जुड़े सभी कलाकारो को हताश न होकर एक बार फिर से इस आपदा का मिल कर सामना करना होगा और सरकार की नीतियों पर भरोसा रखना होगा । माना चुनौतियां बहुत है रास्तों में लेकिन मंज़िल को हम जरूर पाएंगे, जब हमसब एक होकर मदद का हाथ बढ़ेंगे तो हम नया सवेरा ज़रूर लाएंगे ।
संयोजन संस्था के सचिव विनय श्रीवास्तव ने किया । उन्होंने कहा कि रंगमंच हमेशा चुनौतियों के बीच पुष्पित व पल्लवित होता रहा है । इन्हीं चुनौतियों के बीच हमें बेहतर रंगमंच की संभावना तलाशनी है ।