सन्दिग्ध अवस्था मे पत्रकार की मौत,

 

सच उजागर करने पर गुंडे माफिया थे ख़िलाफ़


 हत्या की आशंका देख मौत के एक दिन पहले पुलिस अधिकारियो को पत्र लिख कर मांगी थी जानमाल की सुरक्षा।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप-गहनता से जांच करा कर दोषियों के ख़िलाफ़ कडी कार्यवाही की उठाई मांग


सुधीर सिन्हा 

ब्यूरो चीफ प्रयागराज। 

सच्चाई लिखना एक पत्रकार को इतना भारी पड़ गया कि उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। वहीं सन्दिग्ध  दशा में पत्रकार का शव मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।घर वालो ने हत्या का आरोप लगाया है।

यूपी के प्रतापगढ़ जिले के नगर कोतवाली अंतर्गत रेलवे स्टेशन मोहल्ले निवासी सुलभ श्रीवास्तव ( 40)एक प्रतिष्टित टीवी चैनल के पत्रकार थे, जिन्होंने 9 जून को जनपद कुंडा, हथिगवां,अंतु के साथ ही अन्य थाना क्षेत्रों में पुलिस के द्वारा अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ की गई छापेमारी में बरामद की गई अवैध शराब के जखीरे और पकड़ी गई फैक्ट्री की कवरेज करके पूरी न्यूज़ अपने चैनल में फ्लैश कर दी थी।इस ख़बर के बाद इनसे शराब माफ़िया काफी नाखुश हो गए थे।इस बात की भनक लगते ही सुलभ श्रीवास्तव ने दो दोनों के बाद तुरन्त ही 12 जून को अपर पुलिस महा निदेशक, प्रयागराज जोन, प्रयागराज को अपने व परिवार की जान माल की सुरक्षा किये जाने सम्बन्धी पत्र लिखा जिसकी प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ को भेजी थी।मगर इस खबर से अनजान  सलभ को क्या पता था कि मौत उनका पीछा साये की तरह से कर रही है और  ये पत्र उनकी जिंदगी का लिखा आखिरी पत्र साबित होगा ।रविवार की शाम जब वो एक घटना की कवरेज करने के लिए लालगंज कोतवाली गए थे कि रात लगभग 10:30 बजे जब वो लौट रहे थे कि नगर कोतवाली क्षेत्र के सुखपाल नगर इलाके के कटरा रोड़ स्थित एक भट्टे के समीप सुनसान इलाके में सन्दिग्ध हालत में रोड के किनारे पडे मिले।अर्ध नग्न अवस्था के साथ ही सिर पर चोट के निशान व शर्ट के सारे बटन खुले हुवे थे जो साफ तौर पर हत्या की तरफ इशारा कर रहे थे।

स्थानीय लोगो की सूचना पर उन्हें तुरन्त ही जिला अस्पताल में लाया गया  जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।इसकी जानकारी मिलते ही घर वाले भी अस्पताल पहुंच गए और  शव देखकर  परिजनों में कोहराम मच गया।वहीं घर वालो ने हत्या का आरोप लगाते हुवे दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांग की है।अब सवाल इस बात का है कि क्या प्रदेश में पत्रकारों के साथ हो रही बदसलूकी,मारपीट,हत्या पर सरकार अविलम्ब रोक लगा पाएगी,क्या पत्रकारों को इसी तरह से गुंडे,माफिया,अपराधी खुले आम अपना शिकार बनायेगे,क्या पत्रकारों के ऊपर हो रहे पुलिसिया बर्बरता जारी रहेगी,क्या शाशन प्रशासन को सूचना देने के बाद उनकी ढिलाई से पत्रकार सुरक्षित है ।आखिर कब तलक इनके हक की आवाज को दबाया जाता रहेगा.. फिलहाल ये सोचने वाली बात है।. ऐसे कई अनसुलझे  सवाल हैं जिनके जवाब पत्रकार खुद  अपने परिवार की सुरक्षा के साथ चाहते हैं।

वहीं इस घटना के बाद प्रदेश के तमाम संगठनो ने जहाँ इसकी भर्त्सना की है वही इसकी उच्च स्तरीय जांच कराय जाने के साथ ही दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की है

।पत्रकारों एकता को देखते हुवे एडीजी जोन के द्वारा घटित घटना की गम्भीरता पूर्वक जांच हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए है। पत्रकार की मौत दुर्घटना है य हत्या  इसका खुलासा कब तलक होगा फिलहाल इसका सभी को इंतजार है।



सुलभ श्रीवास्तव ( फाइल फ़ोटो)