🍫खामोश रहना चाहती हूँ🌹
मैं तो खामोश रहना चाहती हूँ,
अपनी खामोशियों को मखना चाहती हूँ ............
हाँ मैं गाती हूँ गुनगुनाती हूँ,
जब दिल करे खिलखिलाती हूँ,
तेरे यादों के गलियारे बेहद दूर ,
तक जाती हूँ,
🌆🌆🌆🌆🌆🌆🌆🌆
हाँ ..................
कुछ नही कहना जमाने तुझ को,
अश्क को पीना आता है,
मुझे. . ... .
😌😌😌😌😌😌😌😌
खामोश..............
है बेहद पुरूसुकूँ सा मौसम,
कुछ ठंडी हवा का है यह असर,
आँखें बंद करना चाहती हूँ,
बस तेरी रूह का हो असर,
😇😇😇😇😇😇😇😇
खामोश.............. .
मैं चहकती हूँ जैसे मीर की ग़ज़ल कभी साकी बनूँ या पैमाना,
जब वक्त हो तो मेरे घर आना,
पुरानी वाली महफिल सजाना,
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
खामोश...............
वह कहकहें वह बारिश की बूंद
चाहती हूँ ,कुछ ठुमरी,दादरा
संगीत चाहती हूँ,
कुछ शामे गजल गीत चाहती हूँ
तुम ही बताओ क्या सही क्या
गलत चाहती हूँ.......
🎤🎤🎤🎤🎤🎤🎤🎤
खामोश.. ....
नही चाहिये वह शाने शौकत,
बेखुदी का अलम,
जब चलूँ तो रहे तुम्हारे कांधे
का साथ,मेरी याद आये तो झांक ,
लेना कहीं भी दिखूगी बरसात के साथ,..........
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खामोश......................
सुनो इश्क किया सौदा है नहीं
पुरनम सी शबनम की रात चाहती हूँ
तुम से बस एक बरसात की सौगात,
चाहती हूँ,............
💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼💃🏼
खामोश.................
दायरे में रहना नही आता क्या करूँ,
बेहद बेसउर तल्ख मिजाज हूँ
तो क्या हुआ, तुम ने भी तो ,
हमको हर हाल पे हासिल तो किया,
चाहे जो भी हो तुम ही तो मेरे पिया...
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खामोश...........
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😇 नंदिता एकांकी😇🌆
🌳प्रयागराज 🌳