पर्यावरण दिवस का संकल्प
आओ !धरा का हम प्रदुषण बुहारें,चलो!राष्ट्र पर्यावरण को सँवारे।
पुनः भूमी माता हरी हो,भरी हो,मन लगाकर हरीतिमा उगाएँ।
चलो!मानवी वेदना को हरें हम,धरा मुक्त संताप सेअब करें हम।
मनुज में पुनःसुप्त देवत्व जागे,मनुज की धरा स्वर्ग जैसी बनाएँ।
धरा जाग जाए,गगन जाग जाए,दिशा जाग जाए, पवन जाग जाए।
कि स्वर पक्षियों के नई तान छेड़ें, हर कंठ, हरियाली के स्वर उठाएँ।
दूषित हैजा,वायु भी है दूषित, दूषित गगन सब है प्रदूषित।
सब शुद्ध करने का संकल्प लेकर मनुज पर्यावरण दिवस मनाएँ।
दुष्प्रवृत्ति का त्याग कर हम सत्प्रवृति अपनाकर प्रकृति प्रेमी बनें।
रंग-रंग के फूल ,वृक्षारोपण कर धरती सेवा का पर्व पर्यावरण दिवस मनाए।
कदम-से-कदम यदि मिला बढ़ गए सब फसल चाँद-तारों की आँगन खिलेगी।
उठीं 'रश्मि 'मिल यदि भुजाएँ अनेकों तो चार दिन में हरी धरती बनेगी।
डॉक्टर रश्मि शुक्ला (समाज सेविका)
अध्यक्ष सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान
प्रयागराज उत्तर प्रदेश