नज़्म

 

 🌹🍫तल्ख़ मिजाज 🌹🍫


बेहद तल्ख़ मिज़ाज़ है,

उनके,जब मन किया 

तो बात किया,

नहीं मन किया तो नहीं किया,

😇😇😇😇😇😇😇

बेहद................

बेहद खामोश मौसम की तरह,

या समझो तो सावन की तरह,

मैं देखता तो हूँ लेकिन बोलता

नहीं, जैसे भरे बादल की तरह..

😉😉😉😉😉😉😉

बेहद...................

कभी एकदम गहरे आँसमा की

तरह तो कभी नदियों के गुनगुन

की तरह.....  

कब बरस जाये ,कब सिमट 

जाये मालूम,नहीं,कभी मीठी मीठी

सरगम की तरह.....

🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵

बेहद..............

चेहरे पर जुल्फें बिखरें बिखरें

घनेरे घनेरे संदली सी महकती

है, कभी चहकती हैं...

कभी कभी तो सुरमई शाम,

की तरह दिखती है.....

🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️

बेहद..............

यारों यारो मुझे तो अब रहने ही दो

पागल दीवानों की तरह...

जैसा ही जो भी है...

कायानत का सबसे,

खूबसूरत हूर है,

हाँ हाँ वही तो है मेरा महबूब,  मेरा सूरूर है,

☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️

बेहद........

मालूम नही मालूम नही यारों,

मेरे लिये सबसे कीमती तोहफा है,

कोहीनूर की तरह....

मैं तो बस चुपचाप दिल में रखता 

हूँ,अपनी ग़ज़ल शायरी की तरह

🌆🌆🌆🌆🌆🌆🌆

बेहद............

🍫🌹🌆🍫🌹🌆🍫


🌹नंदिता एकांकी🌹

🎤 प्रयागराज 🎤

🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫