मुक्त छंद


🍫🌹हूँ हाँ भरी बातें🍫🌹

हूँ हाँ भरी बातें,

खूबसूरती से भरी मुलाकातें

कुछ तो अधूरी लगती हैं

कभी तो खिलखिलाओं ना 

वक्त मिले तो मेरे घर चाय पर 

आओ ना..........

☕😌☕☕😌☕😌☕😌

हूँ.......................

बारिश का मौसम है,

टिप टिप टप टप करता 

शोर है, बैठेगें,

चाय पीयेगें

और जी कर बाते होगी,

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

हूँ ..  .. ............

अरे वही अदरक वाली चाय,

जो तुमको पंसद हो पी जाना,

तुम अपने दाँतो से बिस्कुट 

कुतरना, ........

मैं देखता जाऊँगा..

🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️🙆‍♂️

हूँ..............

कभी क्या हर वक्त सोचता हूँ,

तुम क्या करती होगी,

दिन भर बक बक या 

कुछ लिखती पड़ती 

या गाती गुनगुनाती होगी,

😊😊😊😊😊😊😊

हूँ.............. ...

एक बात बताओ 

इतनी अजब सी क्यों हो,

कभी  बेहद संजीदा,

कभी नज़्म सी क्यों हो,

बोलो गी कुछ,

😇😇😇😇😇😇😇

हूँ  ............

सुनो तुम गमो को ढोया ना करो

जब लगे कि तुम परेशान हो,

मेरे चेहरे को याद किया करो 

बहारें तो आखिर आ ही गयी,

चमन में खिल गयी है कली कली

🌳🍀🌳🍀🌳🍀🌳🍀🌳

हूँ............... 

आज बस यही तक ,

कल बातें होगी बहुत दूर तक,

टहलने चलेगे यहाँ से वहाँ तक

🌆🌆🌆🌆🌆🌆🌆🌆

हूँ........ .     


🌧️नंदिता एकांकी🌧️


🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️प्रयागराज 🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️