सरकार की मजदूर एवम उद्योग बिरोधी नीतियों से प्रयागराज भी प्रभावित , सरकारी उपक्रम बी पी सी एल में तालाबन्दी।


प्रयागराज की औद्योगिक नगरी नैनी स्थित भारत सरकार का उपक्रम भारत पम्पस एण्ड कम्प्रेसर्स लिमिटेड को सरकार की   गलत नीतियों के कारण दिनांक 12 जून 2021 को कर्मचारियों एवम अधिकारियों से विहीन करते हुए समस्त संस्थान को सील कर प्रतिष्ठान में सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के हवाले कर दिया गया। 

ज्ञातब्य है कि बी पी सी एल की स्थापना 01 जनवरी 1970 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के केंद्रीय मंत्री राजा दिनेश सिंह के करकमलोंद्वारा हुई थी। 

कर्मचारियों एवम उद्योग हित के विरुद्ध केंद्र सरकार के इस तुगलकी निर्णय के विरोध में संस्थान के पूर्व के मजदूर नेताओं की एक वर्चुअल बैठक वरिष्ठ मजदूर नेता पूर्व अध्यक्ष फूल चन्द्र दुबे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसका संचालन पूर्व मंत्री राजेश मिश्र ने किया। बैठक में भाग लेते हुए पूर्व अध्यक्ष शिव प्रसाद यादव ने आश्चर्य व्यक्त आकरते हुए कहा कि सरकार नारा तो आत्म निर्भर भारत का देती है और कार्य उसके ठीक विपरीत करके कथनी और करनी में भेद रखती है ,सरकार के इस कदम से आने वाले समय मे भारी राजनैतिक नुकसान उठाना पड़ेगा। यह सरकार मजदूर विरोधी है यह सिद्ध हो गया। 

कम्पनी के पूर्व मंत्री श्री ओ पी तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि यह भारत सरकार का इकलौता प्रतिष्ठान है जहां उच्च गुणवत्ता के पंप एवम कम्प्रेसर्स का निर्माण होता था जिससे हमारे तेल शोधक कारखाने ओ एन जी सी , आई ओ एल आदि को आपूर्ति होती थी , उनका रख रखाव तथा स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति भी बी पी सी एल ही करती रही है साथ ही न्यूक्लियर पम्प का भी उत्पादन कर देश का गौरव बढ़ाया। सरकार के इस अदूरदर्शी निर्णय से सम्पूर्ण आयल सेक्टर के समक्ष संकट पैदा हो जायेगा , साथ ही सरकार की विदेशी पूजी का भी नुकसान होगा। सभा संचालक पूर्व मंत्री राजेश मिश्र ने कहा कि कोरोना संकट के समय केंद्र सरकार ने प्रयागराज के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए जो कुठाराघात किया है यहाँ के मजदूर किसान कभी भूलेगा नही। श्री मिश्र ने कहा कि जिलेभर के मजदूर नेता चाह कर भी कोरोना गाईड लाइन के कारण कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर सके , किन्तु आंदोलन केवल स्थगित है समाप्त नही हुआ है अभी भी समय है सरकार संस्थान की बेशकीमती मशीनों को औने पौने दाम में बेचने की भूल न करके किसी उद्योग पति से निजी कारखाने के रूप में चलाने का निर्णय करे जिससे क्षेत्र की न केवल बेरोजगारी दूर होगी बल्कि संस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर का सदुपयोग बी होगा। यदि सरकार इसके विपरीत निर्णय करती है तो कोरोना समाप्ति के बाद जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन होना तय है। पूर्व उपाध्यक्ष द्वय लखन लाल केसरवानी तथा योगेंद्र शुक्ल ने संयुक्त रूप से अपना विचार व्यक्त करते हुए आश्चर्य किया कि 2500 ऑक्सीजन सिलिंडर का ऑर्डर मिलने के बाद भी एक चलते हुए  संस्थान को सिलेण्डर आपूर्ति से पहले ही बंद करना समझ से परे है। उन्होंने ने कहा कि कम्पनी ऑक्सीजन सिलेण्डर के साथ ही सी एन जी , अमोनिया , नाइट्रोजन , हाइड्रोजन एवम घरेलू गैस सिलिंडर के निर्माता के रूप में अपनी पहचान बना रखी थी सब पर विराम लग गया जो अच्छा नही हुआ। 

अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में पूर्व अध्यक्ष फूल चन्द्र दुबे ने कहा कि सरकार का निर्णय पिछली श्री अटल विहारी बाजपेयी सरकार में भी इसी तरह का हुआ था किंतु समय से उचित राजनैतिक प्रयास से कम्पनी को न केवल उबारा जा सका बल्कि इसी संस्थान को मिनी नवरत्न का दर्जा के साथ अनेक पुरस्कार भी प्रदान हुए तथा संस्थान अभी तक अपने बल पर चलता रहा। सरकार की उधोग एवम मजदूर विरोधी नीतियों , जनप्रतिनिधियों के सुझाव की अवहेलना , केंद्र सरकार का तानाशाह रवैया तथा कोरोना प्रोटोकॉल ने सैकडों कर्मचारियों , हजारों आश्रितों को आश्रय हीन कर दिया समय पर इसका जबाब अवश्य दिया जायेगा।  वर्चुअल सभा को हरिश्चंद्र जायसवाल , लालता यादव , आर के त्रिपाठी , आर के शुक्ल , एस पी तिवारी , सतीश केशरवानी आदि ने सम्बोधित किया। 

         फूल चन्द्र दुबे

         पूर्व अध्यक्ष