बेहद खामोश


बेहद खामोश है, वक्त ,

जीने का मज़ा लिजिये,

जब मौका मिले कुछ गुनगुनाइयें,

अपने चाहत से बात किजिये

अरे क्या हुआ जो ज़माना 

बेईमान, ज़माने को जर 

किनार किजियें.....

😂😂😂😂😂😂😂

बेहद.................

छोटी छोटी खुशियाँ , बच्चों के 

सरीखे, कभी छोटी बिट्टी बन,

हंस लिजियें  ..........

🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾

बेहद........     

दिल का कोना बेहद बौना बौना,

जब जिससे दिल करें बात किजियें

कुछ अश्क बहा कर दिल को हल्का 

किजियें ...........

😭😭😭😭😭😭😭😭😭

बेहद...................

बैठे वह महफिल में नज़रो से बात किजिये, आँखों ही आँखो में  

मुहब्बत का लुत्फ़ लिजिये,

साथ है तो क्या बात हैं,

किसी से भी जिक्र ना किजिये,

😊😊😊😊😊😊😊

बेहद..................

बेहद हारा हूँ दिल महजबीं तुझपर

मेरा क्या हाल हैं बता दिजियें

तेरे रूखसार पर ही ग़ज़ल लिखता

हूँ यह खुदा को बता दिजिये...

🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️

बेहद...............

सुना है तेरे शहर में बेहद चर्चे है 

तेरे, कभी हमारे दिल में धड़क 

लिजिये...........

सुनो ना जाने जाँना तुमको,

देखकर ही तो जीता हूँ

हो दमदारी तो कह दिजिये

इश्क  किया है जानिब 

बस फरमा दिजिये.....

🌹🎻🌹🎻🌹🎻🌹

बेहद............

पाक तोहफा है खुदा का,

कभी अपने आप को माँज

लिजिये, जिक्र ना कर ,

फ़िक्र ना कर, जो तेरा है

उसको पा लिजिये....

😇😇😇😇😇😇

बेहद........

यह एकांकी हकीकतें बयाँ है,

बस दिल खोलकर मुहब्बत 

बाँटा किजिये........

किसी खास से  ही मुहब्बत किजिये

जो बेहद खास हो, जिसकी काली जुल्फें और होठों के नीचे काला तिल हो, बेहद बिखरी बिखरी सी बातें ,

पुर सूकुँ सी मुलाकाते हो.....

जो हर जगह जाती हो गुनगुनाती हो,

जो शाने महफिल कहलाती हो

बेहद............

🌹☕🌹☕🌹☕🌹☕🌹

🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫


😊नंदिता एकांकी😊

  🕉️प्रयागराज 🕉️🌹🍫

बेहद खामोश है, वक्त ,

जीने का मज़ा लिजिये,

जब मौका मिले कुछ गुनगुनाइयें,

अपने चाहत से बात किजिये

अरे क्या हुआ जो ज़माना 

बेईमान, ज़माने को जर 

किनार किजियें.....

😂😂😂😂😂😂😂

बेहद.................

छोटी छोटी खुशियाँ , बच्चों के 

सरीखे, कभी छोटी बिट्टी बन,

हंस लिजियें  ..........

🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾🧑‍🌾

बेहद........     

दिल का कोना बेहद बौना बौना,

जब जिससे दिल करें बात किजियें

कुछ अश्क बहा कर दिल को हल्का 

किजियें ...........

😭😭😭😭😭😭😭😭😭

बेहद...................

बैठे वह महफिल में नज़रो से बात किजिये, आँखों ही आँखो में  

मुहब्बत का लुत्फ़ लिजिये,

साथ है तो क्या बात हैं,

किसी से भी जिक्र ना किजिये,

😊😊😊😊😊😊😊

बेहद..................

बेहद हारा हूँ दिल महजबीं तुझपर

मेरा क्या हाल हैं बता दिजियें

तेरे रूखसार पर ही ग़ज़ल लिखता

हूँ यह खुदा को बता दिजिये...

🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️🧎🏻‍♀️

बेहद...............

सुना है तेरे शहर में बेहद चर्चे है 

तेरे, कभी हमारे दिल में धड़क 

लिजिये...........

सुनो ना जाने जाँना तुमको,

देखकर ही तो जीता हूँ

हो दमदारी तो कह दिजिये

इश्क  किया है जानिब 

बस फरमा दिजिये.....

🌹🎻🌹🎻🌹🎻🌹

बेहद............

पाक तोहफा है खुदा का,

कभी अपने आप को माँज

लिजिये, जिक्र ना कर ,

फ़िक्र ना कर, जो तेरा है

उसको पा लिजिये....

😇😇😇😇😇😇

बेहद........

यह एकांकी हकीकतें बयाँ है,

बस दिल खोलकर मुहब्बत 

बाँटा किजिये........

किसी खास से  ही मुहब्बत किजिये

जो बेहद खास हो, जिसकी काली जुल्फें और होठों के नीचे काला तिल हो, बेहद बिखरी बिखरी सी बातें ,

पुर सूकुँ सी मुलाकाते हो.....

जो हर जगह जाती हो गुनगुनाती हो,

जो शाने महफिल कहलाती हो

बेहद............

🌹☕🌹☕🌹☕🌹☕🌹

🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫


😊नंदिता एकांकी😊

  🕉️प्रयागराज 🕉️